Gyanpeeth Award list | ज्ञानपीठ पुरस्कार सूची 57th jnanpith award : 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार गोवा के लेखक दामोदर मौजो को मिला 1965 से 2023 तक Gyanpeeth Award देखें
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Gyanpeeth Award list 2023
57th gyanpeeth award- 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार
गोवा के लघु कथा लेखक, उपन्यासकार, आलोचक और कोंकणी में पटकथा लेखक दामोदर मौजो को भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 2008 में रवींद्र केलेकर के बाद मौजो पुरस्कार प्राप्त करने वाले गोवा के दूसरे नागरिक हैं। मौज़ो की 25 पुस्तकें कोंकणी में और एक अंग्रेजी में प्रकाशित हुई हैं। उनकी कई पुस्तकों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। मौजो के प्रसिद्ध उपन्यास ‘करमेलिन’ को 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। गोवा की राजधानी पणजी के पास राजभवन में आयोजित समारोह के दौरान प्रसिद्ध कवि गुलजार मौजूद थे।
57th gyanpeeth award- दामोदर मौज़ो के बारे में
मौज़ो का जन्म 1944 में गोवा के अल्डोना गाँव में हुआ था। उन्होंने 1960 के दशक की शुरुआत में लघु कथाएँ लिखना शुरू किया, और उनके काम का अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
मौज़ो का काम अक्सर गोवा में आम लोगों के जीवन से संबंधित होता है, और वह सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के यथार्थवादी चित्रण के लिए जाना जाता है। उनकी कहानियों को उनकी अंतर्दृष्टि और करुणा के लिए सराहा गया है।
उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जहां उन्होंने अंग्रेजी में कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। स्नातक होने के बाद, उन्होंने पूर्णकालिक लेखक बनने से पहले कुछ वर्षों तक एक पत्रकार के रूप में काम किया।
मौज़ो की पहली लघु कहानी, “द एंड ऑफ द नाइट”, 1965 में प्रकाशित हुई थी। तब से, उन्होंने उपन्यास, लघु कथा संग्रह और निबंध सहित 25 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उनके काम का अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
मौजो साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं। वह साहित्य अकादमी और गोवा कोंकणी अकादमी के सदस्य भी हैं।
मौज़ो का काम साहित्य की दुनिया में एक मूल्यवान योगदान है। उनकी कहानियां व्यावहारिक, दयालु और खूबसूरती से लिखी गई हैं। वह लघु कथा के सच्चे गुरु हैं, और वह ज्ञानपीठ पुरस्कार के योग्य प्राप्तकर्ता हैं।
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Gyanpeeth Award Winners 2021 22 List In Hindi – आज किसी भी कॉम्पीटिशन Exam में समान्य ज्ञान (GK) के सेक्शन में पुरस्कार से सबंधित बहुत से Questions पूछे जाते है क्योकि पुरस्कार GK का एक इम्पोर्टेन्ट पार्ट है इसलिए यदि कोई अभ्यर्थी किसी कॉम्पीटिशन Exam की तैयारी कर रहा है तो उसे पुरस्कार सबंधित समान्य ज्ञान होना चाहिए इसलिए आज हम यंहा Gyanpeeth Award list (ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं) के बारे में बतायेंगे यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: IAS , शिक्षक, UPSC, PSC, SSC, Bank, Vyapam एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको Gyanpeeth Award list (ज्ञानपीठ पुरस्कार) से सम्मानित व्यक्तियों से सबंधित जानकारी होनी चाहिए Gyanpeeth Award list से 1-2 प्रश्न अक्सर एग्जाम में पूछे जाते है |
Gyanpeeth Award list (ज्ञानपीठ पुरस्कार)
Gyanpeeth Award list- भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना साल 1965 में की गयी थी। देश का कोई भी व्यक्ति जो भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक 7 बार इस सम्मान को प्राप्त कर चुके हैं। साल 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पुरस्कार का वर्ग | साहित्य |
स्थापना वर्ष | 1965 |
पुरस्कार राशि | 11 लाख रुपये |
प्रथम विजेता | जी शंकर कुरुप (मलयालम) |
भारत की प्रथम महिला विजेता | आशापूर्णा देवी (बांग्ला) |
आखिरी विजेता | दामोदर माऊज़ो (2021) |
विवरण | भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार |
ज्ञानपीठ पुरस्कार में कितनी पुरस्कार राशि दी जाती है?
इसमें पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रुपये, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है। जब वर्ष 1965 में ज्ञानपीठ पुरस्कार की स्थापना हुई थी, तो उस समय पुरस्कार राशि मात्र एक लाख रुपये थी। वर्ष 2005 में पुरस्कार राशि को एक लाख रुपये से बढाकर सात लाख रुपये कर दिया गया, जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुकी है।
54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2018
वर्ष 2018 का 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार अंग्रेजी के प्रतिष्ठित साहित्यकार अमिताव घोष को प्रदान किया जाएगा। अमिताव घोष देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अंग्रेजी के पहले लेखक है। 14 दिसम्बर 2018 को प्रतिभा रॉय की अध्यक्षता में आयोजित ज्ञानपीठ चयन समिति की बैठक में अमिताव घोष को साल 2018 के लिए 54वां ज्ञानपीठ पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया था। पुरस्कार के रूप में उन्हें वाग्देवी की प्रतिमा, 11 लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘द सर्किल ऑफ रीजन’, ‘दे शेडो लाइन’, ‘द कलकत्ता क्रोमोसोम’, ‘द ग्लास पैलेस’, ‘द हंगरी टाइड’, ‘रिवर ऑफ स्मोक’ और ‘फ्लड ऑफ फायर’ शामिल है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंग्रेजी को तीन साल पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार की भाषा के रूप में शामिल किया गया था। हिन्दी की प्रतिष्ठित लेखिका कृष्णा सोबती को वर्ष 2017 के प्रतिष्ठित 53वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 2021 के लिए असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन को तथा वर्ष 2022 के लिए कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो को दिए जाने की घोषणा की गयी है।
Gyanpeeth Award list हिन्दी मे नीचे पढ़ सकते है ।
(Gyanpeeth Award list)
वर्ष 1965 से अब तक ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं की सूची:-
नाम |
वर्ष | भाषा |
1. दामोदर मौउजो | 2021 | कोंकणी |
2. नीलमणि फूकन | 2020 | असमिया |
3. अक्खितम | 2019 | मलयालम |
4. अमिताव घोष | 2018 | अंग्रेज़ी |
5. कृष्णा सोबती | 2017 | हिंदी |
6. शंख घोष | 2016 | बांग्लादेश |
7. रघुवीर चौधरी | 2015 | गुजराती |
8. भालचंद्र नामदेव | 2014 | मराठी |
9. केदारनाथ सिंह | 2013 | हिंदी |
10. रवरी भरतवाजा | 2012 | तेलुगू |
11. प्रतिभा रे | 2011 | ओरिया |
12. चंद्रशेखर कंबर | 2010 | कन्नड़ |
13. अमरकांत | 2009 | हिंदी |
14. श्रीलाल शुक्ल | 2009 | हिंदी |
15. शहरयार | 2008 | उर्दू |
16. ओ.एन.वी. कुरुप | 2007 | मलयालम |
17. सत्य व्रत शास्त्री | 2006 | संस्कृत |
18. रवींद्र केलकर | 2006 | कोंकणी |
19. कुंवर नारायण | 2005 | हिंदी |
20. रहमान राही | 2004 | कश्मीरी |
21. विंदा करंदीकर | 2003 | मराठी |
22. डी. जयकान्तन | 2002 | तामिल |
23. राजेंद्र शाह | 2001 | गुजराती |
24. इंदिरा गोस्वामी | 2000 | असमिया |
25. निर्मल वर्मा | 1999 | हिंदी |
26. गुरदयाल सिंह | 1999 | पंजाबी |
27. गिरीश कर्नाड | 1998 | कन्नड़ |
28. अली सरदार जाफरी | 1997 | उर्दू |
29. महास्वत देवी | 1996 | बांग्लादेश |
30. एम.टी. वासुदेवन नायर | 1995 | मलयालम |
31. यू.आर. अनन्त मूर्ति | 1994 | कन्नड़ |
32. सीताकांत महापात्र | 1993 | ओरिया |
33. नरेश मेहता | 1992 | हिंदी |
34. सुभाष मुखोपाध्याय | 1991 | बांग्लादेश |
35. वी.के. गोकक | 1990 | कन्नड़ |
36. कुरअतुलैन हैदर | 1989 | उर्दू |
37. सी. नारायण रेड्डी | 1988 | तेलुगू |
38. वी.वी.एस. ‘कुसुमाग्रज’ | 1987 | मराठी |
39. सच्चिदानंद राउतराय | 1986 | ओरिया |
40. पन्नालाल पटेल | 1985 | गुजराती |
41. ठाकाझी एस. पिल्लई | 1984 | मलयालम |
42. मस्ती वी. अयंगर | 1983 | कन्नड़ |
43. महादेवी वर्मा | 1982 | हिंदी |
44. अमृता प्रीतम | 1981 | पंजाबी |
45. एस. Pottekkatt | 1980 | मलयालम |
46. बी.के. भट्टाचार्य | 1979 | असमिया |
47. एस.एच.वी. Ajneya | 1978 | हिंदी |
48. के.एस. कारंत | 1977 | कन्नड़ |
49. आशापूर्णा देवी | 1976 | बांग्लादेश |
50. पी.वी. Akilandam | 1975 | तामिल |
51. वी.एस. खांडेकर | 1974 | मराठी |
52. गोपीनाथ मोहंती | 1973 | ओरिया |
53. डी.आर. बेंद्रे | 1973 | अन्य |
54. आर.एस. ‘दिनकर’ | 1972 | हिंदी |
55. बिष्णु डे | 1971 | बांग्लादेश |
56. वी. सत्यनारायण | 1970 | तेलुगू |
57. फिराक गोरखपुरी | 1969 | उर्दू |
58. सुमित्रानंदन पंत | 1968 | हिंदी |
59. के.वी. पुट्टप्पा | 1967 | कन्नड़ |
60. उमा शंकर जोशी | 1967 | गुजराती |
61. टी.एस. बंद्योपाध्याय | 1966 | बांग्लादेश |
62. जी.एस. कुरुप | 1965 | मलयालम |
ज्ञानपीठ पुरस्कार सूची (हिंदी)
अभी तक हिंदी भाषा में 10 साहित्यकारों को gyanpeeth award दिया गया है। हिन्दी भाषा में निम्नलिखित साहित्यकारों को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है-
वर्ष | नाम | कृति |
1968 | सुमित्रानंदन पंत | चिदंबरा |
1972 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | उर्वशी |
1978 | अज्ञेय | कितनी नावों में कितनी बार |
1982 | महादेवी वर्मा | यामा |
1992 | नरेश मेहता | – |
1999 | निर्मल वर्मा | – |
2005 | कुँवर नारायण | – |
2009 | अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल को संयुक्त रूप से दिया गया। | – |
2013 | केदारनाथ सिंह | – |
2017 | कृष्णा सोबती | – |
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