आपको जानकर हैरान होगी की kela teda kyon hota hai है. इस सवाल का जवाब आज की पोस्ट में बताने वाले हैं. केले जैसे फल काफी लोकप्रिय और आसानी से हर जगह मिल जाती है. सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. क्योंकि इसमें विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट होते है.
Kela Teda Kyon Hota Hai
केले के बारे में हर कोई जानता है लेकिन केला हमेशा टेढ़ा क्यों होता (kela teda kyon hota hai) है इसके बारे में कोई नहीं जानता है. सीधा क्यों नहीं. केले के इस जाकर को लेकर कई लोगों को जानकारी नहीं होती है इसलिए हम आपको इसका वैज्ञानिक कारण बताने जा रहे हैं.
kela teda kyon hota hai : दुनिया में ऐसी अनोखी बातें सुनने और देखने को मिलती है पर आज हम बात करने वाले हैं कि आखिर केला हमेशा टेढ़ा क्यों होता है सीधा क्यों नहीं होता. कई डिजिटल प्लेटफॉर्म तरह-तरह की बातें कहीं गई है. लेकिन इसकी सच्चाई आपको हम आज बता रहे हैं.
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केला टेढ़ा होने (kela teda kyon hota hai) का असली वजह यह है :–
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन और वेंट बनानाज वेबसाइट में बताया गया है कि जब अकेले बढ़ रहे होते हैं तो वह नेगेटिव जियोट्रॉपिज्म की प्रक्रिया से गुजरते हैं. आपको बता दे जियोट्रॉपिज्म का मतलब यह होता है कि जब पौधे बढ़ती है या उसकी पत्तियां या पौधे की जड़े अक्सर Gravity के विपरीत, सूरज की दिशा में बढ़ती हैं. इसे ही नेगेटिव जियोट्रॉपिज्म कहते हैं. जबकि Gravity की दिशा में ग्रोथ होने को पॉजिटिव जियोट्रॉपिज्म कहते हैं. अक्सर आपने देखा होगा केले उल्टा लगे होते हैं मतलब निचला भाग ऊपर की ओर होता है. जैसे-जैसे केले बड़े होते जाते हैं वैसे वैसे लंबे होने लगते हैं. फिर उनका निचला हिस्सा सूर्य की दिशा की ओर बढ़ने लगता है. क्योंकि उन्हें भी सूर्य की करने की जरूरत पड़ती है.
केले में ऑक्सीन नाम का एक प्लांट हॉर्मोन होता है जो यह तय करता है की पौध सूर्य की किरणों की और कैसे प्रतिक्रिया देगा. आज का यह पोस्ट आपको कैसा लगा कमेंट करके हमें जरूर बताइए ऐसे ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट cgepaper जरुर विजिट करें.