Computer Virus Kya Hai in Hindi | Types of Computer Virus | India’s first computer virus

Computer Virus Kya Hai in Hindi | Types of Computer Virus | most dangerous computer virus | India’s first computer virus आपको उनकी बचाव और सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी दी है।

Computer Virus एक खतरनाक साइबर खतरा होता है जो आपके कंप्यूटर और डिवाइस को संक्रमित करके उनमें हानि पहुँचा सकता है। हमने computer virus की परिभाषा और इसके प्रकारों के बारे में बताया है, साथ ही आपको उनकी बचाव और सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी दी है। सुरक्षित रहने के लिए इसे समझें और उचित कदम उठाएं।

computer virus क्या है इसके प्रकार बताइए | What is computer virus, tell its types

कंप्यूटर वायरस: एक संक्षिप्त परिचय कंप्यूटर वायरस, डिजिटल युग में एक आम सुरक्षा समस्या है जो कंप्यूटर और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करती है। यह एक खतरनाक सॉफ़्टवेयर होता है जो कंप्यूटर प्रोग्राम के रूप में प्रवेश करता है और उसकी व्यवहारिकता को हानि पहुँचाता है। वायरस की तरह, यह भी अन्य कंप्यूटर प्रोग्रामों को अपने आप में कॉपी करता है और फैलने की क्रिया को शुरू करता है।

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कंप्यूटर वायरस आमतौर पर इंटरनेट या अन्य संयंत्रों से संकलित होते हैं, जैसे कि संदेशों, फ़ाइलों या विकल्पिक स्रोतों के साथ अनुपलब्ध फ़ाइलों में। जब एक प्रणाली इस नकली सॉफ़्टवेयर को चलाती है, तो वायरस शुरू हो जाता है। यह आपके सिस्टम की संरचना को बदल सकता है, जैसे कि फ़ाइलों को मूल रूप से विनाश करना, डेटा को चोरी करना, या आपके सिस्टम को अनुपलब्ध कर देना।

 

10 types of computer viruses

  • Malware
  • Trojan Horse
  • Worm
  • Ransomware
  • Spyware
  • Adware
  • Keylogger
  • Rootkit
  • Botnet
  • Boot Sector Virus

Computer Virus के प्रकार | Types of Computer Virus

  1. मैलवेयर (Malware): मैलवेयर वायरस का एक प्रकार है जो उपयोगकर्ता की निजी जानकारी को चोरने का प्रयास करता है। यह ईमेल अटैचमेंट्स, अनचाहे लिंक्स, या विकल्पित स्रोतों के माध्यम से प्रसारित होता है।
  2. ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse): ट्रोजन हॉर्स एक गुप्त वायरस होता है जो आपके सिस्टम में छिपकर रहता है और आपके सिस्टम को कंप्रमाइज़ करने का प्रयास करता है।
  3. वॉर्म (Worms): वॉर्म खुद को ऑटोमेटिकली प्रसारित कर सकते हैं बिना किसी संवाद की आवश्यकता के। ये स्वच्छ अपने आप को विस्तारित करने में सक्षम होते हैं।
  4. रूटकिट्स (Rootkits): रूटकिट्स सिस्टम को कंप्रमाइज करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं ताकि वे उपयोगकर्ता के रूट एक्सेस को प्राप्त कर सकें।
  5. स्पायवेयर (Spyware): स्पायवेयर उपयोगकर्ता के ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करता है और उनकी निजी जानकारी को चोरने की कोशिश करता है।
  6. रैंसमवेयर (Ransomware): रैंसमवेयर उपयोगकर्ता के डेटा को एक्सेस करने के लिए पैसे मांगता है और डेटा को बंद कर देता है जब तक कि विकल्पित रकम नहीं दी जाती।
  7. बोटनेट (Botnets): बोटनेट वायरस एक नेटवर्क को तैयार करते हैं जिसमें सैंकड़ों सिस्टम शामिल होते हैं, जिन्हें किसी दूसरे सर्वर के तात्कालिक नियंत्रण के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  8. कीलोगर्स (Keyloggers): कीलोगर्स वायरस उपयोगकर्ता के टाइप किए गए कुंजीशब्दों और अन्य डेटा को चुराने का प्रयास करते हैं।
  9. बैकडोर (Backdoor): बैकडोर वायरस एक सिस्टम में एक गुप्त प्रवेश बनाते हैं, जिससे हैकर्स सिस्टम में नियंत्रण पा सकते हैं।
  10. बूटसेक्टर वायरस (Boot Sector Virus): ये वायरस सिस्टम के बूट सेक्टर में स्थित होते हैं और सिस्टम की बूट प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

यहां व्यापक रूप से जानकारी है, लेकिन आपको यह ध्यान देना चाहिए कि नवीनतम सुरक्षा उपायों का उपयोग करके अपने सिस्टम की सुरक्षित रख सकते है ।

Computer Virus (कंप्यूटर वायरस) फैलता कैसे है? | How does Computer Virus spread?

कंप्यूटर वायरस विभिन्न तरीकों से फैल सकते हैं, और यह वायरस के प्रकार और आक्रमण तरीकों के आधार पर भिन्न हो सकता है। निम्नलिखित हैं कुछ सामान्य तरीके जिनके माध्यम से कंप्यूटर वायरस फैलते हैं:

  1. इंटरनेट: इंटरनेट एक प्रमुख माध्यम है जिसके माध्यम से वायरस फैल सकते हैं। दुर्भाग्यवश, दुश्मनजन वेबसाइटों, अवैध डाउनलोड्स, अन्य वायरस संलग्नता, मैलवेयर आदि के माध्यम से आपके कंप्यूटर में वायरस प्रवेश कर सकते हैं।
  2. ईमेल संलग्नता: अज्ञात या संदिग्ध ईमेलों में संलग्न फ़ाइलों के माध्यम से भी वायरस फैल सकते हैं। आपको सतर्क रहने और केवल प्रमाणित स्रोतों से आए ईमेलों के लिंक्स और फ़ाइलों को खोलने की सलाह दी जाती है।
  3. अनधिकृत सॉफ़्टवेयर या फ़ाइलें: कई बार, अनधिकृत सॉफ़्टवेयर या फ़ाइलें जैसे क्रैक वर्शन या पाइरेटेड सॉफ़्टवेयर में छिपे वायरस संलग्न हो सकते हैं।
  4. सामाजिक इंजीनियरिंग: हैकर्स बाजार को वायरस के रूप में मास्क करके सामाजिक मीडिया या अन्य विचारशील साइटों पर बोनस या मुफ्त सामग्री का प्रसार कर सकते हैं, जिसके बाद उपयोगकर्ताओं को वायरस संलग्नित फ़ाइलों को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
  5. असुरक्षित डेवाइस और नेटवर्क: यदि आपके कंप्यूटर, स्मार्टफ़ोन या नेटवर्क की सुरक्षा अच्छी नहीं है, तो कुछ वायरस बनाने वालों के लिए यह एक आसान तरीका हो सकता है ताकि वे आपके सिस्टम में प्रवेश कर सकें।

आपकी सुरक्षा के लिए, सुरक्षित ब्राउज़िंग के साथ-साथ अच्छे अंतिवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

Computer Virus (कंप्यूटर वायरस) के उदाहरण | Examples of Computer Virus

  • ILOVEYOU Virus (2000): यह एक ईमेल वायरस था जिसने लाखों कंप्यूटरों को प्रभावित किया। इसमें एक आकर्षक ईमेल आया जिसमें ‘ILOVEYOU’ नामक एक फ़ाइल थी, लेकिन जब उपयोगकर्ता ने उसे खोला, तो यह उनके सिस्टम को नुकसान पहुँचाने लगा।
  • Melissa Virus (1999): यह एक माइक्रोसॉफ़्ट वर्ड डॉक्यूमेंट के जरिए फ़ैल हुआ और उपयोगकर्ताओं के ईमेल सूची में स्पष्टिकरण भेज दिया। इसके परिणामस्वरूप, विशाल संख्या में ईमेल भेजने से ईमेल सर्वरों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
  • Code Red (2001): यह वायरस वेब सर्वरों को हमला करता था और उन्हें अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर देता था। यह एक ऑटोमेटेड वायरस था जिसने इंटरनेट पर तेजी से फैलने की क्षमता रखता था।
  • Sasser Worm (2004): यह वायरस विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के सिक्योरिटी गैप का उपयोग करते हुए फैलता था और उपयोगकर्ताओं के सिस्टम को हेंग करता था।
  • CryptoLocker Ransomware (2013): यह रैंसमवेयर उपयोगकर्ताओं के फ़ाइलों को एनक्रिप्ट कर देता था और उनसे रिलीज़ की गई रकम के बदले में उन्हें फ़ाइलों की मुफ़्त एनक्रिप्ट कुंजी प्रदान करने की धमकी देता था।

i love you computer virus history

“ILOVEYOU” कंप्यूटर वायरस की इतिहास की बात करें तो यह एक बड़े पैमाने पर प्रसारित होने वाला कंप्यूटर संक्रमण था जो 2000 के मई महीने में फैला था। यह वायरस एक तरह की कामकाजी कीबोर्ड विशेषक (keyboard logger) था, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटरों में वायरस के बनाए गए निर्देशों के मुताबिक फ़ाइलें और डेटा खोजना था।

इसका आगमन एक विशिष्ट ईमेल में होता था, जिसके सब्जेक्ट लाइन “ILOVEYOU” था, जो देखने में बेहद प्रसिद्ध और आकर्षक था। जब भी कोई उपयोगकर्ता इस ईमेल को खोलता, तो उसे एक अटैचमेंट मिलता है जिसका नाम “LOVE-LETTER-FOR-YOU.TXT.vbs” होता है। जैसे ही व्यक्ति इस अटैचमेंट को खोलता है, तो वायरस का प्रसार शुरू हो जाता है।

इसके बाद, वायरस उपयोगकर्ता के कंप्यूटर में खोजता है और उपयोगकर्ता की सभी फ़ाइलें और डेटा को खोजकर एक छिपी हुई “WIN-BUGSFIX.exe” नामक एक फ़ाइल में सहेज देता है। यह फ़ाइल आमतौर पर “system” फ़ोल्डर में सहेज दी जाती है ताकि यह बिना संदेश दिखाए वायरस काम कर सके।

एक बार जब वायरस स्थापित हो जाता है, तो यह उपयोगकर्ता के सिस्टम में कई तरह की दिक्कतें पैदा करता है, जैसे कि वे उसकी फ़ाइलें एक्सेस नहीं कर पाते हैं या सिस्टम में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

इस वायरस के पीछे के लोग किसी विशेष व्यक्ति को नहीं मिले, लेकिन संशायित हैं कि इसे फ़िलीपीनो के दो युवा हैकर्स Thirapong Charpinyo और Onel de Guzman ने डिज़ाइन किया था। इसके परिणामस्वरूप, यह वायरस दुनियाभर में विशाल प्रसार पाया और करोड़ों कंप्यूटर प्रभावित हुए।

इस घटना ने साबित किया कि संगठित रूप से साइबर सुरक्षा में निवेश की आवश्यकता है और लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व का आदर करना चाहिए।

most dangerous computer virus

इतिहास में सबसे खतरनाक कंप्यूटर वायरस में से एक “Stuxnet” वायरस है। स्टक्सनेट को 2010 में खोजा गया था और इसका उद्देश्य उद्योगिक नियंत्रण प्रणालियों को लक्ष्य बनाना था, विशेषकर वे प्रणालियाँ जो न्यूक्लियर संयंत्रों और विद्युत संयंत्रों में प्रयुक्त होती हैं। इसकी विशेषता थी उसकी जटिलता और उद्देश्य, जिससे यह उन्हें सबसे सवालजनक और केवल उत्कृष्ट मैलवेयर में बनाता है।

माना जाता है कि स्टक्सनेट को किसी राष्ट्रीय-रूपी देश द्वारा विकसित किया गया था, संभावना है कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका और इसराइल द्वारा बनाया गया था, यह एक गुप्त साइबर युद्ध अभियान का हिस्सा था जिसका उद्देश्य ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को विघटित करना था। यह दो जीरो-डे शून्यता की कमी का उपयोग करके फैला और लक्षित प्रणालियों में छिपने और प्रसारित होने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया।

स्टक्सनेट का प्राथमिक उद्देश्य था उरेनियम अर्धनवणन के लिए प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर्स (PLCs) को व्यापारिक तंतुओं में दलबदल करना था, जिससे कि यांत्रिक नुकसान उपकरणों को बिना ऑपरेटर को अहसास हो जाए। इसकी क्षमता डिजिटल और भौतिक दुनिया के बीच सेतु बनाने में है, जो साइबर हमलों की दुनिया में एक नये युग की शुरुआत को दर्शाता है।

Computer Virus से अपने सिस्टम की सुरक्षा कैसे करें |

How to protect your system from Computer Virus
How to protect your system from Computer Virus

 

कंप्यूटर वायरस से अपने सिस्टम की सुरक्षा बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

1. सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग:

  • एक प्रमुख अंतिवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करते रहें। यह आपके सिस्टम को वायरसों और मैलवेयर से सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

2. नियमित अपडेट्स:

  • अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउज़र, और अन्य सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें। यह नए सुरक्षा पैचेस को अपने सिस्टम में लाने में मदद करेगा।

3. सावधानी बरतें:

  • अनचाहे ईमेल, फ़ाइलों, और लिंक्स को खोलने से पहले सतर्क रहें। अगर वे संदिग्ध लगते हैं, तो उन्हें न खोलें।

4. पॉप-अप ब्लॉक करें:

  • अपने ब्राउज़र में पॉप-अप ब्लॉक को सक्षम करें, ताकि अनचाहे पॉप-अप्स दिखाई न दें।

5. डाउनलोड्स की निगरानी:

  • सिस्टम में केवल आवश्यक और प्रमाणित स्रोतों से ही फ़ाइलों और सॉफ़्टवेयर को डाउनलोड करें।

6. वायरस स्कैन करने के लिए अन्य सॉफ़्टवेयर का उपयोग:

  • अपने सिस्टम की नियमित वायरस स्कैनिंग के लिए अलग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें ताकि आप नए और अद्यतित वायरसों को खोज सकें।

7. सुरक्षित ब्राउज़िंग:

  • HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग करें, जो सुरक्षित ब्राउज़िंग की सुनिश्चित करता है।

8. डेटा बैकअप:

  • नियमित रूप से अपने महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप बनाएं और उसे सुरक्षित स्थान पर स्टोर करें।

9. सावधानी से ईमेल देखें:

  • अगर कोई ईमेल आपको अनचाही लिंक्स दिखा रहा है और उसमें आपसे व्यक्तिगत जानकारी मांगी जा रही है, तो उसे अवैध मान दें।

10. फ़ायरवॉल का उपयोग:

  • अपने सिस्टम में एक फ़ायरवॉल का उपयोग करें जो अनधिकृत नेटवर्क उपयोग से आपको बचाएगा।

भारत का पहला Computer Virus | India’s first computer virus

भारत का पहला कंप्यूटर वायरस “Brain” था, जो 1986 में बना था। यह वायरस दिल्ली, भारत में बनाया गया था और इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को उनके कंप्यूटरों के संबंधित ड्राइव पर एक संदेश देना था।

Brain वायरस ने उपयोगकर्ताओं के डिस्क ड्राइव में एक “©Brain” नामक टेक्स्ट फ़ाइल बना दी, जिससे ड्राइव की स्थानांतरणीय सीमाओं को परिभाषित किया जा सकता था। यह एक सामान्य फ़ाइल होती थी, लेकिन यह वायरस आगे बढ़ने की नींव रखने वाला पहला कदम था जो वायरसों की दुनिया की शुरुआत थी।

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